देख कर उसकी आँखो में अपने नाम की मायूसी…
दिल रोया तो नहीँ पर फ़िर कभी हँसा भी नहीँ…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
देख कर उसकी आँखो में अपने नाम की मायूसी…
दिल रोया तो नहीँ पर फ़िर कभी हँसा भी नहीँ…
दिल के जख्म को चेहरे से…. जाहिर न होने दिया,
यही जिन्दगी में…… मेरे जीने का अंदाज बन गया..
तू कर ले लाख कोशिशें❗
मेरे लड़खड़ाते कदमों को
भटकाने की…
ऐ ज़िन्दगी
ठोकरें खा कर ही सही,
सम्भल कर चलना
हम भी
सीख जायेंगे।
सुबह को कुछ है और शाम को है कुछ और,
गरीब की तकलीफ़ें अब अमीरों के लिबास जैसी है।
अच्छे होते है बुरे लोग
कम से कम अच्छे होने का दिखावा नहीं करते …..!!
जिनको हासिल नहीं वो जान देते रहते हैं
जिनको मिल जाऊं वो सस्ता समजने लगते हैं !!
खुद मेँ झाँकने के लिए जिगर चाहिए,
दूसरों की शिनाख्त मेँ तो हर शख़्स माहिर है..!!
यूँ ना देखा करो खुदा के लिये,हो गई मोहब्बत तो मुसीबत हो जायेगी
बिन बुलाये आ जाता है, सवाल नहीं करता,
ये तेरा ख़याल भी न, मेरा ख़याल नहीं करता..
यही हुनर है उस स्याही का
जो हर किसी की कलम में होती नहीं..