ख्वाहिशों की चादर तो कब की तार तार हो चुकी…!!
देखते हैं वक़्त की रफूगिरि क्या कमाल करती हैं…!!
Tag: हिंदी शायरी
आँखे ज़िसे चुने
आँखे ज़िसे चुने वो सही हो या ना हो,
दिल से किया हुआ चुनाव कभी गलत नहीं होते..!!
कैसे बदलदू मै
कैसे बदलदू मै फितरत ए अपनी
मूजे तुम्हें सोचते रहनेकी आदत सी हो गई है
बदन के घाव
बदन के घाव दिखाकर जो अपना पेट भरता है,
सुना है वो भिखारी जख्म भर जाने से डरता है।
ख़त्म हो भी तो कैसे
ख़त्म हो भी तो कैसे, ये मंजिलो की आरजू,
ये रास्ते है के रुकते नहीं, और इक हम के झुकते नही।
न छेड़ क़िस्सा वो
न छेड़ क़िस्सा वो उल्फत का, बड़ी लम्बी कहानी है !
मैं ज़िंदगी से नहीं हारा, बस किसी पे एतबार बहुत था…
हमने कहा था
हमने कहा था दिल दे दो और जान ले लो,
उसने दिल दिया नहीं और जान भी ले ली।
मत पूछो कि
मत पूछो कि मै यह अल्फाज कहाँ से लाता हूँ,
उसकी यादों का खजाना है, लुटाऐ जा रहा हूँ मैं….
फिर इशक का जुनूं
फिर इशक का जुनूं चढ़ रहा है सिर पे,
मयखाने से कह दो दरवाजा खुला रखे…
वो पत्थर कहाँ मिलता है
वो पत्थर कहाँ मिलता है बताना जरा ए दोस्त,
जिसे लोग दिल पर रखकर एक दूसरे को भूल जाते हैं..