कैसी उम्र में आ कर मिले हों हमसे,
जब हाथों की मेंहंदी बालों में लग रही है।
Tag: हिंदी शायरी
ज़िंदगी के ये सवालात
ज़िंदगी के ये सवालात कहाँ थे पहले,
इतने उलझे हुए हालात कहाँ थे पहले..
तू डूबने से
तू डूबने से यकीनन मुझे बचा लेगा,
मगर तेरा एहसान मार डालेगा..
सबको हँसता ही
सबको हँसता ही देखना चाहता हूँ मैं,
किसी को धोखे से भी रुलाना मेरी आदत नहीं।।
हुस्न वाले जब
हुस्न वाले जब तोड़ते हैं दिल किसी का,
बड़ी सादगी से कहते है मजबूर थे हम।।
ना जाने कौनसी
ना जाने कौनसी दवा है उसके पास,
कुछ पल साथ गुजार लूं तो सुकून सा मिलता है।।
अजीब पैमाना है
अजीब पैमाना है यहाँ शायरी की परख का,
जिसका जितना दर्द बुरा,शायरी उतनी ही अच्छी।।
दिल से पूछो तो
दिल से पूछो तो आज भी तुम मेरे ही हो,
ये ओर बात है कि किस्मत दग़ा कर गयी।।
ज़रूरत लगती नही
ज़रूरत लगती नही मुझको तेरी तारीफ़ करने की,
मैं ही तो लाया हूँ लाखों मे तुम्हें चुनके।।
महक जाती है
महक जाती है मेरी रूह,
ये सुन के कही करीब ही है तू।।