उसकी मोहब्बत का सिलसिला भी क्या अजीब था
अपना भी ना बनाया और किसी और का होने भी ना दिया ।
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यह सुबह का मंजर भी
यह सुबह का मंजर भी कयामत सा हसीन है..
तकिया है कही.. जुल्फे कही.. खुद वो कही है..
थी हर इक बात
थी हर इक बात, जिस बात से
बात वो भी भुलानी पड़ी
1000, 500 के नोट और x-ray रिपोर्ट
1000, 500 के नोट और x-ray रिपोर्ट,
बन्दा भले ही उसके विषय में कुछ जानता ना हो,
पर हाथ में आते ही ऊँचा करके देखता जरूर है।
कभी कभी वजह भी दे दिया करो
मशवरा तो देते रहते हो कि खुश रहा करो,
कभी कभी वजह भी दे दिया करो
जरा सी रंजिश पर ना छोड़
जरा सी रंजिश पर ना छोड़ किसी अपने का साथ……..
जिंदगी बीत जाती है अपनों को अपना बनाने मै……।
आवाज को नहीं
आवाज को नहीं , अपने अलफ़ाज़ को ले जाओ बुलंदी पर ।।।
बादलों की गरज नहीं , बारिश की बौछार फूल खिलाती है ।।।
अपने सिवा कोई मिला है क्या तुम्हे
अपने सिवा कोई मिला है क्या तुम्हे ?
हज़ारों बार ली तुमने मेरे दिल की तलाशियां…!
महक उतनी ही बिखरी
इलाईची के दानों सा,
मुक़द्दर है अपना…!
महक उतनी ही बिखरी …
जितने पीसे गए
लोग क्या कहेंगे
“लोग क्या कहेंगे “, ये समझ कर जी रहे हैं तो फ़िर…
“भगवान क्या कहेंगे” इसका भी विचार जरूर करना।