मसरूफियत में आती है बेहद तुम्हारी याद….!!और फुरसत में तेरी याद से फुरसत नहीं मिलती…..!!
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निगाहों से छुप कर
निगाहों से छुप कर कहाँ जाइएगा
जहाँ जाइएगा, हमें पाइएगा
मिटा कर हमें आप पछताइएगा
कमी कोई महसूस फ़र्माइएगा
नहीं खेल नासेह! जुनूँ की हक़ीक़त
समझ लीजिए तो समझाइएगा
कहीं चुप रही है ज़बाने-मोहब्बत
न फ़र्माइएगा तो फ़र्माइएगा
होता अगर मुमकिन
होता अगर मुमकिन, तुझे साँस बना कर रखते सीने में,
तू रुक जाये तो मैं नही, मैं मर जाऊँ तो तू नही…
मोहब्बत का शोक
मोहब्बत का शोक ना रखिए साहिब,
इसमें साँस आती नहीं और जान जाती नहीं…
बिना देखे इतना चाहते हैं
बिना देखे इतना चाहते हैं आपको,
बिना मिले सब समझते हैं आपको,
ये आँखें जब भी बंद रहें हमारी,
बंद आँखों से देख लेते हैं आपको.
हमने सोचा था
हमने सोचा था दो चार दिन की बात होगी
पर तेरी यादों से तो उम्र भर का रिश्ता निकल आया…
इस तरह तुमने
इस तरह तुमने मुझे छोड़ दिया ….
जैसे रास्ता कोई गुनाह का हो
बदलना आता नहीं
बदलना आता नहीं हमे मौसम की तरह,
हर इक रुत में तेरा इंतज़ार करते हैं,
ना तुम समझ सकोगे जिसे क़यामत तक,
कसम तुम्हारी तुम्हे हम इतना प्यार करते हैं|
लोगों ने कहा
लोगों ने कहा वक़्त के साथ लोग बादल जाते है ..
फिर क्या था …
मैंने कभी उन्हें लोगों में गिना ही नहीं …
शायरों की बस्ती में
शायरों की बस्ती में कदम रखा तो जाना ।
गमों की महफिल भी कितने खुशी से जमती है ।।