Mohabbat ke kaafile

Mohabbat ke kaafile ko kuch der to rok lo aate hain hum bhi paanv se kaante nikaalkar

एक ठहरा हुआ

एक ठहरा हुआ खयाल तेरा, न जाने कीतने लम्हों को रफ्तार देता है..!

बोलने का अंदाज़

बोलने का अंदाज़ शायराना जरूर है… मेरा, … मगर हर दफा टूटने पर आवाज़ आये, वो आईना नहीं हूँ मैं ।

आधे से कुछ

आधे से कुछ ज्यादा है, पूरे से कुछ कम… कुछ जिंदगी… कुछ गम, कुछ इश्क… कुछ हम…

दिल की धडकनों

दिल की धडकनों में अचानक ये इज़ाफा कैसा….. उसके होंठो पे कहीं नाम हमारा तो नही.

ताल्लुक भी खत्म

काश..! निगाहे फेर लेने से… ताल्लुक भी खत्म हो जाते..!!

मेरा भी वक्त आएगा

छत , इतवार , परिंदे , पेड , किताब , कलम , शाम … मैंने कहा था ना मेरा भी वक्त आएगा .!!

खुल सकती हैं

खुल सकती हैं रुमाल की गांठें बस ज़रा से जतन से मगर, लोग कैंचियां चला कर, सारा फ़साना बदल देते हैं.. !!!

अपना क्या है

जब से उस ने शहर को छोड़ा हर रस्ता सुनसान हुआ अपना क्या है सारे शहर का इक जैसा नुक़सान हुआ

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