तुम्हारी नाराजगी बहुत वाजिब है…
मै भी खुद से खुश नहीं हूँ !
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जब से तूने हल्की हल्की
जब से तूने हल्की हल्की बातें की हैं….
तबियत भारी भारी सी रहती है……
तेरे आने का
तेरे आने का इंतजार रहा
उम्र भर मौसम-ऐ-बहार रहा
रूक गया है
रूक गया है आसमां मेँ चाँद चलते चलते . . . .
तुमको अब छत से उतरना चाहिए . . . .
पाँव लटका के
पाँव लटका के दुनिया की तरफ . . . .
आओ बैठे किसी सितारे पर . . . .
ए जिन्दगी कभी
ए जिन्दगी कभी चैन से मेरे साथ बैठ…
मैं आदमी बड़ा खुशमिजाज़ हूँ…
लाज़मी नहीं के
लाज़मी नहीं के तुझे आंखों से देखूं..
तेरी खुशबू तेरे दीदार से कम तो नहीं|
दिल को जो मेरे
दिल को जो मेरे ले गया, उसकी तलाश क्या करूँ
जिसने चुराया दिल मेरा, वो तो मेरी नज़र में है |
चुप तुम थे
चुप तुम थे चुप हम भी रहे
ना जाने कैसे ये किस्सा आम हो गया…
तुझ को देखे बिना
तुझ को देखे बिना करार ना था,
एक ऐसा भी……वक्त गुजरा है..!!