जा भूल जा तू मुझे ……..तुझे इजाज़त है
हम भी याद करने से पहले कौन सा पूछा करते हैं !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जा भूल जा तू मुझे ……..तुझे इजाज़त है
हम भी याद करने से पहले कौन सा पूछा करते हैं !!
दर्द की हद को समझना है तो ये कर ले…
जो किसी और को चाहे बस उससे मुहब्बत|
अच्छा हुआ के वक़्त पर ठोकर लगी मुझे
छूने चला था चाँद को दरिया में देखकर
एक अजीब सी जंग छिड़ी है रात के आलम में, आँख कहती है सोने दे, दिल कहता है रोने दे..!
कबर की मिट्टी हाथ में लिए सोच रहा हूं;
लोग मरते हैं तो गुरूर कहाँ जाता है!!!
मंद मंद मुस्कान नूरानी चहरे पर, गालो पे जुल्फे बैठी है पहरे पर,
आंखो मे तीरी महताब सी रौशनी,
काजल बन जाये तलवार तेरे चहरे पर…
खुश मिज़ाज लोग टूटे हुए होते हैं अंदर से…
बहुत रोते हैं वो जिनको लतीफे याद रहते हैं…
दीवानगी के लिए तेरी गली मे आते हैं..
वरना.. आवारगी के लिए सारा शहर पड़ा है..
एक वादा है किसी का जो वफ़ा होता नहीं
वरना इन तारों भरी रातों में क्या होता नहीं
जी में आता है उलट दें उनके चेहरे से नक़ाब
हौसला करते हैं लेकिन हौसला होता नहीं…
इन होंठो की भी न जाने क्या मजबूरी होती है,
वही बात छुपाते है जो कहनी जरुरी होती है !!