ये ना पूछ कि शिकायतें कितनी हैं तुझसे, ऐ जिंदगी,
सिर्फ ये बता कि कोई और सितम बाकी तो नहीं?
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ख़ाक से बढ़कर
ख़ाक से बढ़कर कोई दौलत नहीं होती,
छोटी मोटी बात पे हिज़रत नहीं होती।
पहले दीप जलें तो चर्चे होते थे,
अब शहर जलें तो हैरत नहीं होती।
इतना शौक मत रखो
इतना शौक मत रखो इन इश्क की गलियों में जाने का,
क़सम से रास्ता जाने का है पर आने का नहीं।
फिर कोई मोड़ लेने वाली है
फिर कोई मोड़ लेने वाली है ज़िन्दगी शायद,
अब के फिर हवाओं में एक बे-करारी है।
मुद्दत के बाद
मुद्दत के बाद उसने जो आवाज दी मुझे…
कदमों की क्या बिसात, साँसें ही थम गयी…!!!
ज़िन्दगी सुन तू यही
ज़िन्दगी सुन तू यही पे रुकना…!!
हम हालात बदल के आते है….
कहाँ सब को आता है
मौत तो सब को आती है,
जीना कहाँ सब को आता है ?
लम्हा सा बना दे
लम्हा सा बना दे मुझे..
रहूँ गुज़र के भी साथ तेरे…..!!
नसीब में नही होता
जिनका मिलना
नसीब में नही होता।
उनसे मुलाक़ात
कमाल की होती है।
दौलत की दीवार में
दौलत की दीवार में तब्दील रिश्ते कर दिये,
देखते ही देखते
भाई मेरा पडोसी हो गया।