तुम्हारा दीदार और

तुम्हारा दीदार और वो भी आँखों में आँखें डालकर….!
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उफ्फ्फ्फ्फ़…..
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ये कशिश कलम से बयाँ करना भी मेरे बस की बात
नही….!!

अब कौन खरीदेगा

अब कौन खरीदेगा तुम्हारे
ये आसू हीरे के दाम से ,
वो जो दर्द का सौदागर था
अब मोहब्बत छोड दी है उसने !!!!!

गिरती हुई बारिश

गिरती हुई बारिश के बूंदों को अपने हाथों से समेट लो,
जितना पानी तुम समेट पाए, उतना याद तुम हमें करते हो,
जितना पानी तुम समेट ना पाई, उतना याद हम तुम्हे करते हैं।