सांसों के सिलसिले को ना दो ज़िन्दगी का नाम…
जीने के बावजूद भी, मर जाते हैं कुछ लोग !
Tag: शर्म शायरी
तुम्हारी यादों में
ये कैसी नौकरी ता-उम्र की कर ली हमने…
तुम्हारी यादों में इतवार भी नहीं आता….
कट तो जाता है
वक़्त बड़ा धारदार होता है,
कट तो जाता है मगर,
काटने के बाद…..!!
पहुंच हे हमारी
पहुंच हे हमारी चाँद तक ,
ये तारे भी हमें सलाम किया करते हैं
ये आसमा भी झुक जाता है….
जब हम आपको याद किया करते हैं..!
आज लफ्जों को
आज लफ्जों को मैने शाम को पीने पे बुलाया है
बन गयी बात तो ग़ज़ल भी हो सकती है
मायने रखता है
मेरे लिए
अहसास
मायने रखता है…
रिश्ते का नाम
चलो ,
तुम रख लो
उल्फत की जंजीर
उल्फत की जंजीर से डर लगता हैं,
कुछ अपनी ही तकदीर से डर लगता हैं,
जो जुदा करते हैं, किसी को किसी से,
हाथ की बस उसी लकीर से डर लगता हैं..
दिया है रब ने
दिया है रब ने सबकुछ तो फिर फरियाद क्या करें..
दिल हो चाहत से परेशान तो जज़बात क्या करें..
आप सोचते होगे कि आज मुझे याद नहीं किया…
जब कभी भूले ही नहीं तुम्हें तो याद क्या करें।
जिंदा रहने के लिए
जहर …
मरने के लिए थोडा सा.. !
लेकिन
जिंदा रहने के लिए ……. बहुत
सारा पीना पड़ता है .
तेरे बिना ये
तेरे बिना ये जिन्दगी कितनी अँधूरी हैँ,
तेरे पास ना होने कि क्या मजबूरी हैँ,
अगर तू कहेतो ये जिन्दगी गमोमे गुजार दू,
सिर्फ तेरी आवाज सुननेकी चाहत अँधूरी हैँl