काश कही से मिल जाते वो अलफ़ाज़ हमे भी,
जो तुझे बता सकते कि हम शायर कम,
तेरे आशिक ज्यादा हैं…..!!
Tag: शर्म शायरी
किसी को राह
किसी को राह दिखलाई
किसी का ज़ख्म सहलाया
किसी के अश्क जब पोंछे
तब इबादत का मज़ा आया|
घड़ी की फितरत
घड़ी की फितरत भी अजीब है, हमेशा टिक-टिक
कहती है,
मगर,…. ना खुद टिकती है और ना दूसरों को
टिकने देती है !
दिल ज़िद्दी सा
ख्वाहिश भले छोटी सी हो…
लेकिन.!
उसे पूरा करने के लिए दिल ज़िद्दी सा होना चाहिए..!!
इश्क ओर दोस्ती
इश्क ओर दोस्ती मेरे दो जहान है,
इश्क मेरी रुह, तो दोस्ती मेरा ईमान है,
इश्क पर तो फिदा करदु अपनी पुरी जिंदगी,
पर दोस्ती पर, मेरा इश्क भी कुर्बान है
छोटे से दिल में
छोटे से दिल में गम बहुत है,
जिन्दगी में मिले जख्म बहुत हैं,
मार ही डालती कब की ये दुनियाँ हमें,
कम्बखत दोस्तों की दुआओं में दम बहुत है
बातचीत करनी है
बातचीत करनी है तो तुफानो की कर
लहरो से तो हम लड़कपन में खेला करते थे !!
हम छोड़ देंगे
न कहा करो हर बार की हम छोड़ देंगे तुमको, न हम इतने आम हैं, न ये तेरे बस की बात है…!!
फासला अब भी
फासला अब भी , दो क़दमों का ही है ….. कदम कौन बढ़ाए , तय ये नहीं है …..!!
मौत देने के लिये
जहर के असरदार होने से कुछ नही होता दोस्त।
खुदा भी राजी होना चाहिए मौत देने के लिये।।