इक तु ही सब से ज्यादा याद आती है,
इक तेरी दोस्ती ही मेरे दिल को भाती है,
किसी रात सो जाऊँ जो तुझे याद किये बिना,
कसम से तु ख्वाबों में आ के अपनी याद दिलाती हैं..
Tag: शर्म शायरी
किसी इंसान का
आप किसी इंसान का दिल बस तब तक दुखा सकते हो,
जब तक वो इंसान आपको प्रेम करता है ।
उदास रहता है
उदास रहता है मोहल्ले की बारिशों का पानी
आजकल—-
—सुना है कागज की नाव बनाने वाले बच्चे अब बड़े हो गये
है —!
जिन्दगी इसी को
दिल के टूट जाने पर भी हँसना,
शायद “जिन्दादिली” इसी को कहते हैं।
ठोकर लगने पर भी मंजिल के लिए भटकना,
शायद “तलाश” इसी को कहते हैं।
सूने खंडहर में भी बिना तेल के दिये जलाना,
शायद “उम्मीद” इसी को कहते हैं।
टूट कर चाहने पर भी उसे न पा सकना,
शायद “चाहत” इसी को कहते हैं।
गिरकर भी फिर से खडे हो जाना,
शायद “हिम्मत” इसी को कहते हैं।
उम्मीद, तलाश, चाहत और हिम्मत,
शायद “जिन्दगी” इसी को कहते हैं..
मीठे बोल बोलिये
मीठे बोल बोलिये क्यों की
अल्फाजो में जान होती है
इन्ही से आरती अरदास और
अजान होती है
दिल के समंदर के वो मोती है
जिनसे इंसान की पहचान होती है
मेरी झोली में कुछ अल्फाज अपनी
दुआओ के ड़ाल दे ऐ दोस्त
क्या पता तेरे लब हिले और
मेरी तकदीर संवर जाय
मेरी प्रार्थना को ऎसे स्वीकार
करो मेरे ईश्वर की जब जब
सर झुके मुझसे जुड़े हर रिश्ते
की ज़िन्दगी संवर जाय
जो बोलते हैं
जो बोलते हैं उसके बारे में सोचिऐ,
ना की…
जो सोचते है उसे बोले…
हम कैसे जिए हैं
ज़िंदगी हम कैसे जिए हैं ये जरूरी है ना की ये,
कि ज़िंदगी हम कितनी जिए|
मैनें खुदा से कहा
मैनें खुदा से कहा की मुझे सब कुछ दो जिंदगी के मज़़े लेने के लिए,
खुदा ने हँस कर कहा मैनें तुम्हें जिंदगी दी है मज़े लेने के लिए|
गलती करने की इज़ाजत
मुझे एक गलती करने की
इज़ाजत हो अगर तो…
मैँ तुम से दोबारा मोहब्बत
करना चाहता हूँ.!
सुंदर कच्चे घर
अब कहाँ रह गए सुंदर कच्चे घर, कहाँ रह गए वह सौंधी खुश्बू…
जो आती थी उस घर में, जब लीपा जाता था गोबर !!