बेनाम सा रिश्ता

बेनाम सा रिश्ता यूँ पनपा है
फूल से भंवरा ज्यूँ लिपटा है
पलके आंखे, दिया और बाती
ऐसा ये अपना रिश्ता है.!!!!

बात मोहब्बत की थी

बात मोहब्बत की थी, तभी तो लूटा दी जिंदगी तुझ पे……!जिस्म से प्यार होता तो….तुझ से भी हसीन चेहरे बिकते है,बाजार में….!!

हो सके तो

हो सके तो, अब के कोई सौदा न करना मैं पिछली मोहब्बत में, सब हार आया हूँ…………