एक ही ख्वाब ने सारी रात जगाया हैं,
मैंने हर करवट सोने की कोशिश की हैं|
Tag: शर्म शायरी
अच्छा किया जो
अच्छा किया जो तुमने गुनहगार कह दिया
मशहूर हो गया हूँ मैं, बदनामियों के साथ |
जानता था की
जानता था की वो धोखा
देगी एक दिन पर चुप रहा..
.
क्यूंकि उसके धोखे में जी
सकता हूँ पर उसके बिना नहीं…
सिर्फ बेहद चाहने से
सिर्फ बेहद चाहने से क्या होता है…
नसीब भी होना चाहिए किसीका प्यार पाने के लिए…
हर वक़्त नया चेहरा
हर वक़्त नया चेहरा, हर वक़्त नया वजूद…
आदमी ने आईने को, हैरत में डाल दिया है…
तू छोड़ रहा है
तू छोड़ रहा है तो इसमें तेरी ख़ता क्या हर शख़्स मेरा साथ निभा भी नहीं सकता !!
वो शख़्स जो
वो शख़्स जो आज मुहब्बत के नाम से बौखला गया….
किसी जमाने में एक मशहूर आशिक़ हुआ करता था….
तुम रस्म बना रहे थे
तुम रस्म बना रहे थे
वो रस्म निभा रहा था
यह वक्त बता रहा था
वो वक्त बिता रहा था।
हिचकियो के भरम ने
हिचकियो के भरम ने
रखा है जिँदा
हम आज भी किसी को याद
आते है.. याद किया करो हमें,वरना याद किया करोगे !!
मेरी गली मेरे घर में है
जो बात मेरे गाँव मेरी गली मेरे घर में है।
उसके जैसा कुछ भी कहाँ तेरे शहर में है।