by pyarishayri - July 13, 2017कितना मुश्क़िल सवालकितना मुश्क़िल सवाल पूछ लिया…तुमने तो हाल चाल ही पूछ लिया…
by pyarishayri - July 13, 2017इतना तो ज़िंदगी मेंइतना तो ज़िंदगी में किसी के ख़लल पड़ेहँसने से हो सुकून न रोने से कल पड़े |
by pyarishayri - July 13, 2017कभी चुप तो कभी गुमकभी चुप तो कभी गुम सी हैं, ये बारिशें भी बिलकुल तुम सी हैं।
by pyarishayri - July 13, 2017गए वो दिन कि शिकवे थेगए वो दिन कि शिकवे थे जहाँ के… अब अपना ही गिला है और मैं हूँ..
by pyarishayri - July 13, 2017लिख कर संजो लेते होलिख कर संजो लेते हो, हर कहानी को फ़ोन में,पर गुलाब छुपाने के लिए वो पन्ने कहाँ से लाओगे!
by pyarishayri - July 13, 2017हमने सूरज की रोशनी मेंहमने सूरज की रोशनी में कभी अदब नहीं खोया, कुछ लोग तो जुगनुओं की चमक में मगरूर हो गए…
by pyarishayri - July 13, 2017बेशक बेघर हूँबेशक बेघर हूँ मैं इस जहाँ में, मगरआशियाँ तेरी यादों का आज भी मेरा दिल ही है….!!
by pyarishayri - July 12, 2017खुदा जाने यह किसकाखुदा जाने यह किसकाजलवा है दुनियां ए बस्ती मेंहजारों चल बसे लेकिन,वही रौनक है महफिल की।
by pyarishayri - July 12, 2017हाँ ठीक हैहाँ ठीक है मैं अपनी अना का मरीज़ हूँ आख़िर मेरे मिज़ाज में क्यूँ दख़्ल दे कोई