बिछड़ना है तो रूह से निकल जाओ..
रही बात दिल की तो उसे हम देख लेंगे..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
बिछड़ना है तो रूह से निकल जाओ..
रही बात दिल की तो उसे हम देख लेंगे..
मुस्कुराने से शुरू और रुलाने पे खतम…।
ये वो जुल्म हैं जिसे लोग मोहब्बत कहते हैं…
मोहब्बत रूह में उतरा हुआ मौसम है जनाब,
ताल्लुक कम करने से मोहब्बत कम नही होती !
आपके चलने की भी क्या खूब अदा है..
तेरे हर कदम पे एक दिल टूटता है..!
मैं वो हूँ जो कहता था की इश्क़ मे क्या रखा है..
आज कल एक हीर ने मुझे रांझा बना रखा है ..