जब सब तेरी

जब सब तेरी मरजी से होता है….
ऐ खुदा………………………………….
तो तेरा ये बन्दा गुनहगार कैसे हो गया……

डोर लम्बी हो

डोर लम्बी हो तो मतलब यह
नहीं की पतंग ऊपर तक
जाएगी,
उड़ाने का तरीक़ा आना चाहिए,
दौलत ज़्यादा का मतलब सफल जीवन
नही,
जीने का सलीक़ा आना चाहिए..!!!

बचपन में जब

बचपन में जब चाहा हँस लेते थे,
जहाँ

चाहा रो सकते थे.
अब मुस्कान को तमीज़ चाहिए,
अश्कों को तनहाई ..

जरूरी नहीं

आज का ज्ञान

अगर कोई दस बजे उठे…
तो जरूरी नहीं कि वो…
‘आलसी’ हो……….

हो सकता है उसके ‘सपने’ बड़े हों…!!