Waqt Lagata Hain

Tum the to waqt kahin thaherta nhi tha… Ab waqt guzarne main bhi waqt lagata hain…

मोहब्बत से भरी

मोहब्बत से भरी कोई ग़ज़ल उसे पसंद नहीं , बेवफाई के हर शेर पे वो दाद दिया करते है…

कहा रहते हो

मुद्दतों बात किसीने पूछा कहा रहते हो हमने मुस्कुरा के कहा अपनी औकात में

फिक्र तब होती है

जुबाँ न भी बोले तो, मुश्किल नहीं… फिक्र तब होती है जब… खामोशी भी बोलना छोड़ दें…।।

एक हुनर है

जख्म छुपाना भी एक हुनर है, वरना, यहाँ हर मुठ्ठी में नमक है

सवाल नहीं था

ज़हर का सवाल नहीं था वो तो में पी गया तकलीफ़ लोगों को ये थी की में जी गया ।

शायर वही हुए

रात रोने से कब घटी साहब बर्फ़ धागे से कब कटी साहब सिर्फ़ शायर वही हुए जिनकी ज़िंदगी से नहीं पटी साहब..

इन्तेहा कर दो

तुम बेशक अपने ज़ुल्म की इन्तेहा कर दो नां जाने फिर कोई हम सा बेजुबां मिले ना मिले.…”

कर्ज़े चुका दूं

सबके कर्ज़े चुका दूं मरने से पहले, ऐसी मेरी नियतं हैं, मौंत से पहले तूं भी बता दे ज़िन्दगी, तेरी क्या किमत हैं.”.

मोहब्बत के ज़ख़्म

किसी भी मौसम में आकर खरीद लीजिये जनाब, मोहब्बत के ज़ख़्म यहाँ हर मौसम में ताज़ा मिलेंगे…

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