न जाने क्यूँ

न जाने क्यूँ हमें इस दम तुम्हारी याद आती है,

जब आँखों में चमकते हैं सितारे शाम से पहले….

दो कदम चलकर

दो कदम चलकर अक्सर हम रुक जाया करते है ,
क्यों इंतजार रहता है उनका,
जो राह में छोड़कर चले जाया करते है|