याद आती है

मेरी आवारगी में कुछ क़सूर अब तुम्हारा भी है,
जब तुम्हारी याद आती है तो घर अच्छा नहीं लगता।

कभी जिंदगी न मिले

करनी है खुदा से गुजारिश तेरी दोस्ती के सिवा कोई बंदगी न मिले

हर जनम में मिले दोस्त तेरे जैसा या फिर कभी जिंदगी न मिले !!

जिनके दिल पे लगती है

जिनके दिल पे लगती है चोट
वो आँखों से नही रोते.
जो अपनो के ना हुए, किसी के नही होते,
मेरे हालातों ने मुझे ये सिखाया है,
की सपने टूट जाते हैं
पर पूरे नही होते.

मकान बन जाते है

“मकान बन जाते है कुछ हफ्तों में,
ये पैसा कुछ ऐसा है…और घर टूट जाते है चंद पलो में, ये पैसा ही कुछ ऐसा है..।।

आइना फिर आज

आइना फिर आज रिश्वत लेते पकड़ा गया…
दिल में दर्द था, फिर भी चेहरा हँसता हुआ दिखाई दिया….!