कब्रोँ पर यहाँ ताजमहल है….
और एक टूटी छत को ज़िन्दगी तरसती है…….
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कब्रोँ पर यहाँ ताजमहल है….
और एक टूटी छत को ज़िन्दगी तरसती है…….
आईना होजाये मेरा इश्क़, उनके हुस्न का ….
क्या मज़ा हो दर्द,अगर खुद ही दवा लेने लगे…
तड़प रही है
सांसे तुझे महसूस करने को…फिजा में खुशबू
बनकर बिखर जाओ
तो कुछ बात बने |
दर्द को भी दर्द होता होगा..!!!
जब नाम-ऐ…इश्क़ आता होगा..!!
उसूलों पर अगर आ जाये, तो टकराना जरुरी है!
जिन्दा हो तो जिन्दा नज़र आना जरुरी है।
फासलों से अगर.. मुस्कुराहट लौट आये तुम्हारी…
तो तुम्हे हक़ है.. कि तुम… दूरियां बना लो मुझसे….
अपनों के बीच,
गैरो की याद नहीं आती।
और गैरो के बीच,
कुछ अपने याद आते हैं।
सुनो मैं बहुत खुश हूँ..
कैसा लगा मेरा झूठ आपको…
जिन्हें अपनी गाड़ियां छांव में लगाने का शोक है,
उन्हें पेड़ पौधे लगाने का भी शौक होना चाहिए।
कागज़ों पे लिख कर ज़ाया कर दूं मै वो शख़्स नही वो शायर हुँ जिसे दिलों पे लिखने का हुनर आता है|