ऑफिस सरकारी हो या प्राइवेट..
चलता एक ही सिद्धांत पर है कि
आपका बॉस आपको नालायक समझता है
और आप उसे..!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ऑफिस सरकारी हो या प्राइवेट..
चलता एक ही सिद्धांत पर है कि
आपका बॉस आपको नालायक समझता है
और आप उसे..!!
प्यारीशायरी की कर के शायरी चोरी….
सच सच बताओ किसने कितनी फसाई है छोरी…
अरे हम तो हाथी को भी हवा में उड़ा दिया करते थे.
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वो अलग बात है की अब चिड़ियाँ उड़, तोता उड़ खेलना
छोड़ दिया..
1000, 500 के नोट और x-ray रिपोर्ट,
बन्दा भले ही उसके विषय में कुछ जानता ना हो,
पर हाथ में आते ही ऊँचा करके देखता जरूर है।
ना जाने कौन कौन से विटामिन और प्रोटीन हैं तुझ में….?
जब तक तेरा दीदार न कर लूँ तब तक बैचेनी रहती है
कोई आँखों से बात कर लेता है,
कोई आँखों में मुलाक़ात कर लेता है,
बड़ा मुश्किल होता है जवाब देना,
जब कोई इंग्लिश में बात कर लेता है.
Lagta hai mera khuda mehrban hai mujhper …
meri duniya me teri maujudgi yunhi to nahi hai ..
तेरी जगह आज भी कोई नही ले सकता
खूबी तूजमे नही कमी मुझमें है
हम तो फूलों की तरह अपनी आदत से बेबस हैं।
तोडने वाले को भी खुशबू की सजा देते हैं।
तनहाई से नही …. शिकायत तो मुझे उस भीड से हैं …
जो तेरी यादो को मिटाने कि कोशिश में होती हैं …..