उस ने एक ही बार कहा “दोस्त हू ”
फिर मैने कभी नही कहा “व्यस्त हू ” !!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
उस ने एक ही बार कहा “दोस्त हू ”
फिर मैने कभी नही कहा “व्यस्त हू ” !!!
आ ज़ा फिर से मेरे ख्यालों में….कुछ बात करते हैं….
कल जहाँ खत्म हुई थी…वहीं से शुरुवात करते हैं…!!
अकड़ती जा रही हैं हर रोज गर्दन की नसें,
आज तक नहीं आया हुनर सर झुकाने का .
जिस समय हम किसी का
‘अपमान ‘ कर रहे होते हैं,
दरअसल,
उस समय हम अपना
‘सम्मान’ खो रहे होते है…
हमारा हक तो नही है फिर भी हम तुमसे कहते हैं,
हमारी जिँदगी ले लो मगर उदास मत रहा करो..
Ruki hui thi meri
sans mere sine me …
use gale na lagate to ghut ke mar jate….
उस देश में औरत का मरतबा
कैसे बुलंद हो सकता है,
जहाँ मरदों की लड़ाई में गालियां मां -बहन की दी
जाती है.!!
मांगो तो अपने रब से मांगो ,
जो दे तो रहमत और न दे तो किस्मत ,
लेकिन दुनिया से हरगिज मत मांगना ,
क्योंकि दे तो एहसान और न दे तो शर्मिंदगी ..
मौका दीजिये अपने खून को किसी की रगों में बहने का..
ये लाजवाब तरीका है कई जिस्मों में ज़िंदा रहने का.!!
एक नफरत ही हैं जिसे,
दुनिया चंद लम्हों में जान लेती हैं.
वरना चाहत का यकीन दिलाने में,
तो जिन्दगी बीत जाती हैं..