आ ज़ा फिर से

आ ज़ा फिर से मेरे ख्यालों में….कुछ बात करते हैं….

कल जहाँ खत्म हुई थी…वहीं से शुरुवात करते हैं…!!

जिस समय हम

जिस समय हम किसी का
‘अपमान ‘ कर रहे होते हैं,
दरअसल,
उस समय हम अपना
‘सम्मान’ खो रहे होते है…

उस देश में

उस देश में औरत का मरतबा

कैसे बुलंद हो सकता है,
जहाँ मरदों की लड़ाई में गालियां मां -बहन की दी
जाती है.!!

मांगो तो अपने रब

मांगो तो अपने रब से मांगो ,

जो दे तो रहमत और न दे तो किस्मत ,

लेकिन दुनिया से हरगिज मत मांगना ,

क्योंकि दे तो एहसान और न दे तो शर्मिंदगी ..

एक नफरत ही हैं

एक नफरत ही हैं जिसे,
दुनिया चंद लम्हों में जान लेती हैं.

वरना चाहत का यकीन दिलाने में,
तो जिन्दगी बीत जाती हैं..