हम जिन पर आँखे बन्द करके भरोसा करते है,
अक्सर वही लोग हमारी आँखे खोल जाते है
Tag: व्यंग्य
अब कैसे हिसाब हो
उसकी मौहब्बत के कर्ज का,
अब कैसे हिसाब हो….
वो गले लगाकर कहती है,
आप बड़े खराब हो….
वक्त जरूर लगा
वक्त जरूर लगा पर मैं सम्भल गया क्योंकि।
मैं ठोकरों से गिरा था किसी के नज़रों से नहीं।।
उंगली मेरी वफ़ा
उंगली मेरी वफ़ा पे ना उठाना लोगों,
…
जिसे शक हो वो एक बार निभा कर देखे ।
Duniya to waise bhi
Dil bada rkhe
duniya to waise bhi
bahut chhoti hai……
जिस दिन अपने
जिस दिन अपने कमाए हुए पैसों से जीना सीख जायोगे ,
उस दिन आपके शौक अपने आप कम हो जायेंगे..!!
बहुत दूर की बात हैं
फ्री में हम किसी को ‘गाली’ तक नहीं देते…,,,
‘स्माइल’ तो बहुत दूर की बात हैं…!!!
उसने मेरे हाथ
उसने मेरे हाथ की लकीरें देखी और फिर हँस कर कहा….
तुझे ज़िन्दगी में सब कुछ मिलेगा एक मेरे सिवा….
पूरी दुनिया नफ़रतों
पूरी दुनिया नफ़रतों में जल रही है..
इसीलिए इस बार ठण्ड कम लग रही है।
ए ज़िन्दगी तेरे
ए ज़िन्दगी तेरे जज़्बे को सलाम,
पता है कि मंज़िल मौत है, फिर भी दौड़ रही है…!