कभी इतना मत

कभी इतना मत मुस्कुराना की नजर लग जाए

जमाने की हर आँख मेरी तरह मोहब्बत की नही होती….!!!

कोई मुझ से

कोई मुझ से पूछ बैठा
‘बदलना’ किस को कहते हैं?
सोच में पड़ गया हूँ मिसाल किस की दूँ ?
“मौसम” की या “अपनों” की

एक ख़्वाब ने

एक ख़्वाब ने आँखे खोली हैं….

क्या मोड़ आया है कहानी मैं…..

वो भीग रही है बारिश मैं………..

और आग लगी है
पानी मैं……!

एक सूत्र में बँधी

झाड़ू, जब तक एक सूत्र में बँधी होती है, तब तक वह “कचरा” साफ करती है।

लेकिन वही झाड़ू जब बिखर जाती है तो खुद कचरा हो जाती है।

बदल गया वक़्त

बदल गया वक़्त बदल गयी बातें बदल गयी

मोहब्बत कुछ नहीं बदला तो वो है

इन आँखों की नमी और तेरी कमी !!

दोस्ती इन्सान की

दोस्ती इन्सान की ज़रुरत है!

दिलों पर दोस्ती की हुकुमत है!

आपके प्यार की वजह से जिंदा हूँ!

वरना खुदा को भी हमारी ज़रुरत है!