छोटा सा है दरवाजा तेरे दिल
का ,अन्दर आऊं तो सजदा खुदहो जाता है..!!
Tag: व्यंग्य
अपने चिरागों पर
हम अपने अपने चिरागों पर खूब इत्तराये..
पर उसे भूल गए जो हवा चलाता है ।
जिन्दगी में सताने वाले
किस को क्या इलज़ाम दूं
दोस्तो…
जिन्दगी में सताने वाले भी अपने थे..
और दफनाने वाले भी अपने थे…
सिलसिले को ना दो
सांसों के सिलसिले को ना दो ज़िन्दगी का नाम..
जीने के बावजूद भी, मर जाते
हैं कुछ लोग…‼️
हम वो तालाब है
हम वो तालाब है मेरे दोस्त् जहा शेर भी आये
तो उसे भी सर झुका के पानी पीना पड़ता है ।
रंग आवाज़ों के बदलेंगे
रंग आवाज़ों के बदलेंगे उछालो रोटियाँ
एक मुद्दत से खड़ी इस मफ़लिसी को देख लें
मोहब्बत निभा ले
काश तू मुझसे बस इतनी सी मोहब्बत निभा ले
जब भी मै तुझसे रूठूँ तो तू
मुझे मना ले ..!!!!
उम्मीद करते रहे
हम उस से तूफानो में भी साथ निभाने की उम्मीद करते रहे,
और वो निकल ना सके घर से बारिशों के खौफ से !!
इक दूर से आती है
इक दूर से आती है
पास आके पलटती है
इक राह अकेली सी
रूकती है न
चलती है
ये सोच कर बैठी हूँ
इक राह तो वो होगी
तुम तक जो
पहुँचती है।
रिश्ता टूट ना जाये
रिश्ता टूट ना जाये इस डर से बदल लीया खुद को
अपनी ज़िद से ज्यादा रिश्ते को अहेमियत दी हमने