दौलत भी क्या चीज है,जब आती है तो इंसान खुद को भुल जाता है,
और जब जाती है तो…जमाना उसको भुल जाता है..!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
दौलत भी क्या चीज है,जब आती है तो इंसान खुद को भुल जाता है,
और जब जाती है तो…जमाना उसको भुल जाता है..!!
हैरत करूँ, मलाल करूँ, या गिला करूँ….
तुम गैर लग रहे हो बताओ मैं क्या करूँ…
जाने क्या था जाने क्या है
जो मुझसे छूट रहा है…
याँदें कंकर फेंक रही हैं
और दिल अंदर से टूट रहा है…!!
अजीब नशा है होशियार रहना चाहता हूँ
मैं उस के ख़्वाब में बेदार रहना चाहता हूँ
ये मौज-ए-ताज़ा मेरी तिश्नगी का वहम सही
मैं इस सराब में सरशार रहना चाहता हूँ।
इश्क़ के जंगल में ही ऐसा होता है …..
शिकारी खुद ही शिकार हो आता है…..
Zindagi hamaari yun hi sitam ho gayi
Khushi na jaane kahan dafan ho gayi
Likha Khuda ne mohabbat sabki taqdeer mein
Hamaari baari aayi to syaahi hi khatm ho gayi..
मुनासिबं समझो तो,
सिर्फ इतना ही बता दो मुझे…
दिल मेरा बेचैन है बहुत,
कहीं तुम उदास तो नही…??
इसी कश्मकशं मे गुजर जाता है सारा दिन…
कि,तुमसे बात करुँ या तुम्हारी बात करुँ…??
करता नहीं तुमसे शिकायत ये दिल मगर,
कहना ये चाहता है के तुम वो नहीं रहे…
खुश चेहरे के पीछे ग़मों को पहचान लेती है,
वो माँ ही है जो दिल का हाल जान लेती है !!