चादर की तरह

एक रूह है..
जैसे जाग रही है.. एक उम्र से… ।
एक जिस्म है..
सो जाता है बिस्तर पर.. चादर की तरह… ।।

फूलों की महक

कैसे सबूत दूँ तुझे मेरी मोहब्बत का…
फूलों की महक देखनी हो…..
तो जज़्बात की निग़ाह चाहिये….!!

सब कुछ है

कई रिश्तों को परखा तो नतीजा एक ही
निकला,
जरूरत ही सब कुछ है, महोब्बत कुछ नहीं
होती……..॥