ये ना पूछ कि शिकायतें कितनी हैं तुझसे, ऐ जिंदगी, सिर्फ ये बता कि कोई और सितम बाकी तो नहीं?
Tag: व्यंग्य
मुद्दत के बाद
मुद्दत के बाद उसने जो आवाज दी मुझे… कदमों की क्या बिसात, साँसें ही थम गयी…!!!
ज़िन्दगी सुन तू यही
ज़िन्दगी सुन तू यही पे रुकना…!! हम हालात बदल के आते है….
एक ही समानता है
एक ही समानता है पतंग औऱ जिंदगी में.. ऊँचाई में हो तब तक ही वाह-वाह होती है.
दो चार नहीं
दो चार नहीं मुझे सिर्फ एक दिखा दो…… वो शख्स जो अन्दर भी बाहर जैसा हो
मेरे न हो सको तो
मेरे न हो सको तो कुछ ऐसा कर दो, मैं जैसा था मुझे फिर से वैसा कर दो !!
हम इश्क के
हम इश्क के फ़कीर प्यारे छीनकर ले जायेंगे… दिल की धड़कने तुम्हारी
ना दिल से होता है
ना दिल से होता है, ना दिमाग़ से होता है, ये प्यार तो इतफाक से होता है, पर प्यार कर के प्यार ही मिले, ये इतफाक किसी-किसी के साथ होता है.
आज हम हैं
आज हम हैं, कल हमारी यादें होंगी. जब हम ना होंगे, तब हमारी बातें होंगी. कभी पलटो गे जिंदगी के ये पन्ने, तो शायद आप की आँखों से भी बरसातें होंगी.
नही है हमारा हाल
नही है हमारा हाल, कुछ तुम्हारे हाल से अलग, बस फ़र्क है इतना, कि तुम याद करते हो, और हम भूल नही पाते.