मुझे उस जगह से भी मोहब्बत हो जाती है;
जहाँ बैठ कर एक बार तुम्हें सोच लेता हूँ…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मुझे उस जगह से भी मोहब्बत हो जाती है;
जहाँ बैठ कर एक बार तुम्हें सोच लेता हूँ…
उसकी तनहाई का इलाज नहीं मिलेगा
जिससे किसी का मिजाज नहीं मिलेगा ।
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जीना होगा कुछ तो दुनिया के मुताबिक
अपने हिसाब का तो रिवाज नहीं मिलेगा।
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ख्वाहिशों का नशा, इक उम्र तक ठिक हैं
उम्र निकलने पर कामकाज नहीं मिलेगा।
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सजानी चाहिए, मजबूरियों से भी जिंदगी
जब तक मनचाहा सा साज नहीं मिलेगा।
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आजमा लेना चाहिए जिंदगी को भी वर्ना
आखिरी वक्त सुनाने को राज नहीं मिलेगा।
लोग हमारे बारे में क्या सोचते
है….
ये भी अगर हम सोचेंगे
तो लोग क्या सोचेंगे.?.?.
नफरत के जंगल में उसको लगे मोहब्बत की तलब,
और वो प्यास के सेहरा में मांगे मुझे पानी की तरह…
कुछ मीठी सी ठंडक है आज इन हवाओं में, शायद दोस्तो की यादों का कमरा खुला रह गया है…!
महक होती तो तितलियाँ जरूर आती,
कोई रोता तो सिसकियाँ जरूर आती,
कहने को तो लोग मुझे बुहत याद करते है,
मगर याद करते तो हिचकियाँ जरूर आती..!!
कहते है के पैसा बोलता है
हमने पैसे को बोलते तो नहीं देखा
पर कई यो को चुप करवाते जरूर देखा है|कहते है के पैसा बोलता है
हमने पैसे को बोलते तो नहीं देखा
पर कई यो को चुप करवाते जरूर देखा है|
मैं लिखता हुं सिर्फ दिल बहलाने के लिए….
वर्ना
जिसपर प्यार का असर नही हुआ
उस पर अल्फाजो का क्या असर होगा..
न जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर, तेरे सामने आने से ज़्यादा तुझे छुपकर देखना अच्छा लगता है …!!!..
चित्रकार तुझे उस्ताद मानूँगा,….
दर्द भी खींच मेरी तस्वीर के साथ…