क्या करूंगा मैं तेरे शीशमहल में आकर…..!
जितने तेरे आईने हैं, उतने मेरे चहेरे भी नहीं…..!!
Tag: व्यंग्य शायरी
कभी कभार की
कभी कभार की मुलाक़ात ही अच्छी है,
कद्र खो देता है रोज रोज का आना जाना !!
आज उस हद तक
आज उस हद तक सिर्फ दर्द ही दर्द है….
जिस हद तक उससे मोहब्बत की थी….
जिंदगी की राहों में
जिंदगी की राहों में
मुस्कराते रहो हमेशा !
क्योंकि,
उदास दिलों को
हमदर्द तो मिलते हैं,
पर, हमसफ़र नहीं !
रूह तो जिसकी थी
रूह तो जिसकी थी वो ले गया,जिस्म के दावेदार यहाँ हज़ारों हैं!
उसे भी सरबुलंदी पर
उसे भी सरबुलंदी पर हमेशा नाज़ रहता है,
हमें भी आसमानों को ज़मीं करने की आदत है !
अब सजा दे ही चुके
अब सजा दे ही चुके हो तो हाल ना पूछना मैं अगर बेगुनाह निकला तो तुम्हें अफसोस बहुत होगा..
उस ने हँस कर
उस ने हँस कर हाथ छुड़ाया है अपना…
आज जुदा हो जाने में आसानी है ..
तेरे मुस्कुराने का असर
तेरे मुस्कुराने का असर सेहत पे होता है,
लोग पूछ लेते है..दवा का नाम क्या है..!!
लिखते है सदा
लिखते है सदा उन्ही के लिए,जिन्होने हमे कभी पढा नही…!