रात भर तारीफ मैँने की तुम्हारी चाँद इतना जल गया सुनकर कि सूरज हो गया…..!!
Tag: व्यंग्य शायरी
ज़िन्दगी की हकीकत
ज़िन्दगी की हकीकत को बस इतना जाना है..!!. दर्द में अकेले हैं और ख़ुशी में जमाना है..!!
बंधी है हाथ पे
बंधी है हाथ पे सब के घड़ियाँ मगर, पकड़ में एक भी लम्हा नहीं..
प्यार आज भी
प्यार आज भी तुझसे उतना ही है.. बस तुझे “एहसास” नही और हमने भी जताना छोड दिया…
इश्क़ तो बस नाम दिया है
इश्क़ तो बस नाम दिया है दुनिया ने, एहसास बयां कोई कर पाये तो बात हो .
लफ्ज तेरे मिठे ही
लफ्ज तेरे मिठे ही लगते है.. आंख पढु तब दर्द समझ आता है..
थोड़ा प्यार और भिजवा दो
थोड़ा प्यार और भिजवा दो, हमने फिजूलखर्ची कर ली है….।।
अगर तुम समझ पाते
अगर तुम समझ पाते मेरी चाहत की इन्तहा….. तो हम तुमसे नही…. तुम हमसे मोहब्बत करते!!!!
गम ने हसने न दिया
गम ने हसने न दिया, ज़माने ने रोने न दिया! इस उलझन ने चैन से जीने न दिया! थक के जब सितारों से पनाह ली! नींद आई तो तेरी याद ने सोने न दिया!
आशिक था एक मेरे अंदर
आशिक था एक मेरे अंदर, कुछ साल पहले गुज़र गया..!! अब कोई शायर सा है, अजीब अजीब सी बातें करता है