Tag: वक्त शायरी
तेरी यादो की उल्फ़त
तेरी यादो की उल्फ़त से सजी हे महफिल मेरी…
में पागल नही हूँ जो तुझे भूल कर वीरान हो जाऊ…
उनके रूठ जाने में
उनके रूठ जाने में भी एक राज़ है साहब,
वो रूठते ही इसलिए है की कहीं अदायें न भूल जाएं।।
क्या खूब अदा है
आपके चलने की भी क्या खूब अदा है
तेरे हर कदम पे एक दिल टूटता है|
मतलबी दुनिया के
मतलबी दुनिया के लोग खड़े है, हाथों में पत्थर लेकर……..!!
मैं कहाँ तक भागूं, शीशे का मुकद्दर लेकर…………..!!
तकलीफ़ की बात
तकलीफ़ की बात ना करो साहेब..
बहुत तकलीफ़ होती है..
जागे हुए तारों को
शब के जागे हुए तारों को भी नींद आने लगी,
आपके आने की इक आस थी अब जाने लगी..
अरे ये इश्क है
अरे ये इश्क है मेरी जान
कोई गणित का सवाल नही जो समझा सकूं|
हमे क्या मालुम था
हमे क्या मालुम था ईस तरह रास्ते मै छोड के जायेगी पगली,
पता होता तो साथ मे साईकल तो ले आते..
मैंने चाहा है
मैंने चाहा है तुझे आम से इंसाँ की तरह
तू मेरा ख़्वाब नहीं है जो बिखर जाएगा|