मफलर उलझ गया

देखो तो इक पहाड़ से

कंकड़ उलझ गया
जोशो जुनून से ये दिलावर उलझ गया
हिम्मत को

उसकी आप भी अब दाद दीजिए
लाखों के सूट बूट से मफलर

उलझ गया

दिल किसी से

दिल किसी से तब ही लगाना जब दिलों को पढ़ना सीख लो, हर एक चेहरे की फितरत मैं वफादारी नहीं होती.