ये बारिश भी कितनी ज़ालिम हे जो यूँ ही आकर चली जाती है…
..
याद दिलाती है मेरे मेहबूब की..
और भिगोकर मुझे चली जाती है……
Tag: वक्त शायरी
मिट जाते है वो
मिट जाते है वो औरों को मिटाने वाले..!
लाश कहा रोती है,
रोते है जलाने वाले..!!!
Meri bhi nigaho
Meri bhi nigaho ka sunle abb sawal
Poochte hai kab aayega
Jhonka phir tere deedar ka
समझा दो अपनी
समझा दो अपनी यादो को,
वो बिन बुलाए पास आया करती है,
आप तो दूर रहकर सताते हो मगर,
वो पास आकर रुलाया करती है…
देखा किये वो
देखा किये वो मस्त निगाहों से बार बार..
जब तक शराब आये कई दौर हो गए..!
इतने क़रीब ना था
मेरे घर से मयखाना इतने क़रीब ना था…!!!
दोस्तों…
कुछ लोग दूर होते गये और वो पास आ गया…!!!
खुशियाँ उतनी ही अच्छी
खुशियाँ उतनी ही अच्छी…
जितनी मुट्ठियों मे समा जाए….
छलकती ,बिखरती खुशियो को…
अक्सर नजर लग जाया करती है …
kismat mai nahi
Tune ek aise shaksh ko chaha hai RAJ jise bhoolna
teri kismaat mai nahi or pana teri kismat mai nahi……..
उस ज़ुल्फ़ के फंदे
उस ज़ुल्फ़ के फंदे से निकलना नहीं मुमकिन
हाँ माँग कोई राह निकाले तो निकाले|
मिट जाए गुनाह्
मिट जाए गुनाह् का आलम ही जहां से,
अगर पुख़्ता यकीन हो के रब देख रहा है…॥