हमेशा उन्हीं के करीब
मत रहिये जो आपको खुश रखते हैं,
बल्कि कभी उनके भी करीब
जाईये जो आपके बिना खुश नहीं रहते हैं।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हमेशा उन्हीं के करीब
मत रहिये जो आपको खुश रखते हैं,
बल्कि कभी उनके भी करीब
जाईये जो आपके बिना खुश नहीं रहते हैं।
आज मुझे एक नया
अनुभव हुआ
अपने मोबाइल से अपना ही नंबर लगाकर देखा,
आवाज
आयी
The Number You Have Call Is Busy..
…
फिर ध्यान आया किसी ने क्या खुब कहा है….
“औरो से मिलने मे
दुनिया मस्त है पर,
खुद से मिलने की सारी लाइने व्यस्त है..
मैं एक शीशे का घर था, बहुत टूटा ।
लोग
जो भी गुज़रे हैं, पत्थर से गुज़रे हैं ।।
सब में रब दिखता
जिसको
वो ही सच्चा हाजी है
|
एक किश्त ज़िन्दगी की
और भर दी है आज..
एक खाता मौत का बस खुलवाना बाकी है..
मेरी नरमी को मेरी
कमजोरी
मत समझना
ए _नादान
सर झुका के चलता हु तो सिर्फ़ अल्लाह के
ख़ौफ़ से
ज़िन्दगी भर रामलीला में लड़े सच की तरफ
मज़हबी दंगे में वो मारे गए रहमत मिया|
बड़ा है दर्द का
रिश्ता, ये दिल ग़रीब सही
तुम्हारे नाम पे आयेंगे ग़मगुसार चले
चले
भी आओ…
हुज़ूर-ए-यार हुई दफ़्तर-ए-जुनूँ की तलब
गिरह में लेके
गरेबाँ का तार तार चले
चले भी आओ…
गुलों में रंग भरे,
बाद-ए-नौबहार चले
चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले
क़फ़स उदास है यारों, सबा से कुछ तो कहो
कहीं तो बहर-ए-ख़ुदा
आज ज़िक्र-ए-यार चले
चले भी आओ…
जो हमपे गुज़री सो गुज़री
मगर शब-ए-हिज्राँ
हमारे अश्क तेरे आक़बत सँवार चले
चले भी
आओ…
कभी तो सुबह तेरे कुंज-ए-लब्ज़ हो आग़ाज़
कभी तो शब
सर-ए-काकुल से मुश्क-ए-बार चले
चले भी आओ…
मक़ाम ‘फैज़’
कोई राह में जचा ही नहीं
जो कू-ए-यार से निकले तो सू-ए-दार
चले
चले भी आओ…!
बाढ़ का पानी घरों की छत तलक तो आ गया
रेडियो पर बज रहा मौसम सुहाना आएगा|
जलील ना किया करो किसी फकीर को
ऐ दोस्त….
वो भीख लेने नही तुम्हें दुआएँ देने आता है..