लोग कहते हैं…
नफ़रत ख़राब चीज़ है..!
तो मोहब्बत ने कौनसा झूला झुलाया है मुझे..!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
लोग कहते हैं…
नफ़रत ख़राब चीज़ है..!
तो मोहब्बत ने कौनसा झूला झुलाया है मुझे..!!
तेरी चाहत में रुसवा यूं सरे बाज़ार हो गये,
हमने ही दिल खोया…और हम ही गुनाहगार हो गये।
किश्तों में खुदकुशी कर रही है ये जिन्दगी…
इंतज़ार तेरा…मुझे पूरा मरने भी नहीं देता ।
क्या पूछता है हम से तू ऐ शोख़ सितमगर,
जो तू ने किए हम पे सितम कह नहीं सकते…
क्या है जो बदल गई है दुनिया
मैं भी तो बहुत बदल गया हूँ|
ना हुस्न ढला है ना इश्क़ बिका है
लोगो का बस थोड़ा जमीर गिरा है|
वो जो अँधेरो में भी नज़र आए
ऐसा साया बनो किसी का तुम!
थोड़ी सी खुद्दारी भी लाज़मी थी…
उसने हाथ छुड़ाया,मैंने छोड़ दिया…
हाथ बेशक छूट गया,
लेकिन
वजूद उसकी उंगलियो में ही रह गया..
ये शाम कबसे बेकरार है
ढलने को.
तू इक दफे आँचल में अपने
मुझे संभालने की ख्वाहिश तो कर|