अजीब सी बेताबी है…
तेरे बिना,
रह भी लेते है और
रहा भी नही जाता..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
अजीब सी बेताबी है…
तेरे बिना,
रह भी लेते है और
रहा भी नही जाता..
मैंने मौसम बदलते हुए हमेशा देखा है,
दोस्त बदलते है ऐसा पहली बार देखा है.
किसी ने सच कहा है अक्सर
वोही लोग दर्द देते है जो दिल के करीब होते है.
चलती नहीं दुनिया किसी के आने से,
रूकती नहीं दुनिया किसी के जाने से.
प्यार तो सबको मिल जाता है,
कमी का पता तो चलता है किसी के दूर जाने से.
मत रहो दूर हमसे इतना के अपने फैसले पर अफसोस हो जाये…
कल को शायद ऐसी मुलाकात हो हमारी…
के आप हमसे लिपटकर रोये और हम ख़ामोश हो जाये..!
उम्र कम थी इश्क़ बेहिसाब हो गया…….!!
एक वक्त के बाद ये रोग लाइलाज हो गया….!!
कमबख्त दिल भी कमाल करता है
जब खाली खाली होता है, भर आता है!!
किसी रिश्ते में निखार, सिर्फ अच्छे समय में हाथ मिलाने से नहीं आता………..
बल्कि ……
नाज़ुक समय में हाथ थामने से आता है…
काश यह जालिम जुदाई न होती!
ऐ खुदा तूने यह चीज़ बनायीं न होती!
न हम उनसे मिलते न प्यार होता!
ज़िन्दगी जो अपनी थी वो परायी न होती!
वो दर्द ही क्या जो आँखों से बह जाए!
वो खुशी ही क्या जो होठों पर रह जाए!
कभी तो समझो मेरी खामोशी को!
वो बात ही क्या जो लफ्ज़ आसानी से कह जायें!
अँधेरे ही थे मेरे अपने भी अब रौशनी पाने को जी चाहता है
रहो में भटक रहा था में अब तक अब अपनी मंजिल पाने को जी चाहता है।