जौर तो ऐ ‘जोश’ आखिर जौर था,
लुत्फ भी उनका सितम ढाता रहा।
Tag: वक्त
एक उसूल पर
एक उसूल पर गुजारी है जिंदगी मैंनें,
जिसको अपना माना उसे कभी परखा नही..
गुजर रही है
गुजर रही है जिन्दगी जिक्र हे खुदा से गाफिल,
ए दिल ए नादां सम्भल जा ज़रा के मौत का कोई वक्त नही.
अगर ख़ुशी मिलती
अगर ख़ुशी मिलती है उसे हम से जुदा होकर;
तो दुआ है ख़ुदा से कि उसे कभी हम ना मिलें…!!
इतना शौक मत
इतना शौक मत रखो
इन ” इश्क ” की गलियों में जाने का..
क़सम से रास्ता जाने का है आने का नही..!!
खुली हवाओं की
खुली हवाओं की सोहबत बिगाड़ देती है !
कबूतरों को खुली छत बिगाड़ देती है !!
जो जुर्म करते हैं, इतने बुरे नहीं होते !
सज़ा न दे के अदालत बिगाड़ देती है !!
सिर्फ महसूस करने
आखिर किस कदर खत्म कर सकते है…
उनसे रिश्ता..!
जिनको सिर्फ महसूस करने से…
हम दुनिया भूल जाते है..
हमें उनसे कोई शिकायत
हमें उनसे कोई शिकायत नहीं;
शायद हमारी किस्मत में चाहत नहीं!
मेरी तकदीर को लिखकर तो ऊपर वाला भी मुकर गया;
पूछा तो कहा, “ये मेरी लिखावट नहीं”!
अलग बात है
अलग बात है कि तु मुझे हासिल नहीँ है,,
मगर तेरे सिवा कोई मेरे प्यार के काबिल नहीँ है
ज़ीना हराम कर
ज़ीना हराम कर रखा है, “मेरी इन आँखों ने,
खुली हो तो तलाश तेरी, बंद हो तो ख्वाब तेरे..