खोया है कुछ ज़रूर जो उस की तलाश में,..
हर चीज़ को इधर से उधर कर रहे हैं हम..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
खोया है कुछ ज़रूर जो उस की तलाश में,..
हर चीज़ को इधर से उधर कर रहे हैं हम..
प्यास तो मर कर भी नहीं बुझती ज़माने की,मुर्दे भी जाते जाते गंगाजल का घूँट मांगते है…!!
अकेले कैसे रहा जाता है,कुछ लोग यही सिखाने हमारी ज़िन्दगी में आते हैं……
तुम दिल में रहो इतना ही बहुत है,
मुलाकात की हमें इतनी जरूरत भी नहीं है !!
लफ्जों में जाहिर करूं तो मेरी ख़्वाहिश की तौहीन होगी,
तू मेरी रूह में उतर के समझ ले मेरी हसरतों को
मै फिर से गिरूंगा ये ग़लतफ़हमी दूर कर लो
वो दिल की गलती थी की हम लडखडा से गए थे..
कुछ इस तरीक़े से लिपटी थी फूल से तितली
पता चला ना किसे कौन प्यार करता है।
अपने अहसासों को ख़ुद कुचला है मैंने,
क्योंकि बात तेरी हिफाज़त की थी.!
तेरे अल्फाजों से थे जो …शिकवे…
हमने तेरे लबो से लड़कर मिटा दिए|
रात की सीढ़ी पर चढ़कर…
आसमां से कुछ सपने उतारने हैं…