किसी को राह

किसी को राह दिखलाई
किसी का ज़ख्म सहलाया
किसी के अश्क जब पोंछे
तब इबादत का मज़ा आया|

घड़ी की फितरत

घड़ी की फितरत भी अजीब है, हमेशा टिक-टिक
कहती है,
मगर,…. ना खुद टिकती है और ना दूसरों को
टिकने देती है !

इश्क ओर दोस्ती

इश्क ओर दोस्ती मेरे दो जहान है,
इश्क मेरी रुह, तो दोस्ती मेरा ईमान है,
इश्क पर तो फिदा करदु अपनी पुरी जिंदगी,
पर दोस्ती पर, मेरा इश्क भी कुर्बान है

छोटे से दिल में

छोटे से दिल में गम बहुत है,
जिन्दगी में मिले जख्म बहुत हैं,
मार ही डालती कब की ये दुनियाँ हमें,
कम्बखत दोस्तों की दुआओं में दम बहुत है