निशाने चूक गए सब, निशान बाकी है…
शिकारगाह में खाली मचान बाकी है…
फिर एक बच्चे ने लाशों के ढेर पर चढ़कर…
ये कह दिया अभी खानदान बाकी है…..!!!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
निशाने चूक गए सब, निशान बाकी है…
शिकारगाह में खाली मचान बाकी है…
फिर एक बच्चे ने लाशों के ढेर पर चढ़कर…
ये कह दिया अभी खानदान बाकी है…..!!!!
जो लिबासों को बदलने का शौक़ रखते थे,
आखरी वक़्त ना कह पाए क़फ़न ठीक नहीं…!!
उसने मुझ से पूँछा
ऐसी जगह बताओ
जहाँ में नहीं हूँ मैने मुस्कुरा के कहा
बस मेरे नसीब में
उम्मीदों का दामन थाम रहे हो, तो हौसला कायम रखना…
क्योकि…!!!
जब नाकामिया चरम पे हो, तो कामयाबी बेहद करीब होती है…
कभी कभी सोचता हूँ कि इस उदास मौसम में…
मेरी आँखों पर हाथ रखकर अपने,
धीरे से करीब आकर……
मेरे कानों में कहे….
पहचान लो तो हम तुम्हारे,
ना पहचानो तो तुम हमारे ।
दुरुस्त कर ही लिया मैंने नजरिया अपना…
…
के दर्द ना हो तो मोहब्बत मज़ाक लगती है !!
कहानी मेरी
लिखी किसी और ने
जीनी मुझे है।
बे-वफाई भी
वफ़ा की तरहा की उसने,
ऐसे इंसान से भी करते तो गिला क्या करते ।
उम्र आधी हो चली है पर नहीं समझे
ज़िंदगी का मर्म रत्ती
भर नहीं समझे
व्यर्थ हैं सब डिग्रियाँ, यह लोग कहते हैं
प्यार के हमने
अगर अक्षर नहीं समझे
आदमी हो तो समझ ले आदमी का दुख
आदमी का दुख मगर पत्थर नहीं समझे
दिल की बातें सिर्फ़ दिल वाले ही समझेंगे
दिल की बातें कोई सौदागर नहीं समझे
ज़िंदगी पूरी
बिताकर के भी दुनिया में
संत दुनिया को ही अपना घर नहीं समझे!
उडते हुये
परिँदो को कोई कैद नही कर सकता ”
जो अपने होते है वो खुद ही
लौट आते है…