एक अजीब सी जंग छिड़ी है रात के आलम में, आँख कहती है सोने दे, दिल कहता है रोने दे..!
Tag: याद
दीवानगी के लिए
दीवानगी के लिए तेरी गली मे आते हैं..
वरना.. आवारगी के लिए सारा शहर पड़ा है..
गुज़री तमाम उम्र
गुज़री तमाम उम्र उसी शहर में जहाँ…
वाक़िफ़ सभी थे कोई पहचानता न था..
बहुत शौक था
बहुत शौक था हमें सबको जोडकर रखने का
होश तब आया जब खुद के वजूद के टुकडे देखे..
जब तक ये दिल
जब तक ये दिल तेरी ज़द में है
तेरी यादें मेरी हद में हैं।
तुम हो मेरे केवल मेरे ही
हर एक लम्हा इस ही मद में है ।
है दिल को तेरी चाह आज भी
ये ख्वाब ख्वाहिश-ऐ- बर में है ।
मुहब्बत इवादत है खुदा की
और मुहोब्बत उसी रब में है।
हम भी वही होते हैं
हम भी वही होते हैं,
रिश्ते भी वही होते हैं,
और रास्ते भी वही होते हैं,
बदलता है तो बस…..
समय, एहसास, और नज़रिया…!!
बिन धागे की सुई
बिन धागे की सुई सी है ये ज़िंदगी….. सिलती कुछ नहीं, बस
चुभती जा रही है.
खूब हूँ वाकिफ दुनिया से
खूब हूँ वाकिफ दुनिया से,
बस खुद से अनजान हूँ..
मैं कौन था
मैं कौन था पहले कोई पहचानता न था..,
तुम क्या मिले,ज़माने में मशहूर हो गया ।
किसी ने रख दिए
किसी ने रख दिए ममता भरे दो हाथ…क्या सर पर,
मेरे अन्दर कोई बच्चा…….बिलख कर रोने लगता है.!!