सुन लेता हूँ बडों की बातों को खामोश हो के,
वक्त जाता है,
पर अनुभव दे जाता है|
Tag: मौसम
कभी आग़ोश में
कभी आग़ोश में यूँ लो
की ये रूँह तेरी हो जाए।
मेरे लफ़्ज़ों को
तेरी यादों ने मेरे लफ़्ज़ों को कुछ यूँ सँवारा हैं..
जैसे चंदन की खुशबू से.. मंदिर महकता हैं..
कौन सा गुनाह कर बैठे हैं
खुदा जाने कौन सा गुनाह कर बैठे हैं हम,
तमन्नाओं वाली उम्र में, तजुर्बे मिल रहे हैं..
वो अकेला टुकड़ा
बर्फ़ का वो अकेला टुकड़ा शराब में …
जाने किसको कौन जला रहा है …
बेमौत मर गए दोनों
बेमौत मर गए दोनों…..
मैं और मेरी ख्वाइश |
कम लफ्जों मे जिंदगी को
कितने कम लफ्जों मे जिंदगी को बयान करूँ
लो तुम्हारा नाम लेकर किस्सा तमाम करूँ !!
दो चार गवाह बुला लो
अगर शक है मेरी मोहब्बत पे तो दो चार गवाह बुला
लो, हम आज, अभी, सबके सामने, ये जिन्दगी तेरे
नाम करते है !!
पाने की तलब है
किसको, पाने की तलब है यहां;
हम तो बस, तुझे खो देने से डरते है!
सब कुछ सह कर भी
दिल तो सब कुछ सह कर भी चुप रहा……
कमबख्त, आँखो ने बयाँ कर दिया रात किस दर्द से
गुजरी है..