यह परिणाम है

कदम निरंतर बढते जिनके , श्रम जिनका अविराम है ,
विजय सुनिश्चित होती उनकी , घोषित यह परिणाम है !

ख्वाहिशों का बोझ

उनका कन्धा ना जाने ईश्वर ने कितना
मजबूत बनाया है,
मेरी ख्वाहिशों का बोझ उठाते हुए माँ
ने कभी उफ़ तक नहीं किया….

मै सपने नही

मै सपने नही देखता . . .

क्योकी अक्सर मै जो हकीकत मे करता हु . . .

वो लोगो के सपने हुआ करते है . . .

कड़वा सच

जीवन का कड़वा सच ∥
गरीब आदमी जमीन पर बैठ जाए तो वो जगह उसकी औकात कहलाती है…
और
अगर कोई धनवान आदमी जमीन पर बैठ जाए तो ये उसका बड़ाप्पन कहलाता है….

फरेबी भी हूँ

फरेबी भी हूँ ज़िद्दी भी हूँ और पत्थर दिल भी हूँ…..!!!!

मासूमियत खो दी है मैंने वफ़ा करते-करते……!!!!!