कदम निरंतर बढते जिनके , श्रम जिनका अविराम है ,
विजय सुनिश्चित होती उनकी , घोषित यह परिणाम है !
Tag: प्रेणास्पद शायरी
ख्वाहिशों का बोझ
उनका कन्धा ना जाने ईश्वर ने कितना
मजबूत बनाया है,
मेरी ख्वाहिशों का बोझ उठाते हुए माँ
ने कभी उफ़ तक नहीं किया….
हज़ारों मिठाइयाँ चखी
हज़ारों मिठाइयाँ चखी हैं मैंने
लेकिन ख़ुशी के आंसू से मीठा कुछ भी नहीं..
मै सपने नही
मै सपने नही देखता . . .
क्योकी अक्सर मै जो हकीकत मे करता हु . . .
वो लोगो के सपने हुआ करते है . . .
अब तो सोने दो
शबे फुरकत का जागा हू फरिशतो अब तो सोने दो..
कर लेना हिसाब फिर कभी आहिस्ता आहिस्ता..!”
कड़वा सच
जीवन का कड़वा सच ∥
गरीब आदमी जमीन पर बैठ जाए तो वो जगह उसकी औकात कहलाती है…
और
अगर कोई धनवान आदमी जमीन पर बैठ जाए तो ये उसका बड़ाप्पन कहलाता है….
आसमाँ भर गया
आसमाँ भर गया परिंदो से,
पेड़ कोई हरा गिरा होंगा..!!!
फरेबी भी हूँ
फरेबी भी हूँ ज़िद्दी भी हूँ और पत्थर दिल भी हूँ…..!!!!
मासूमियत खो दी है मैंने वफ़ा करते-करते……!!!!!
हल्की-फुल्की सी है
हल्की-फुल्की सी है जिंदगी…
बोझ तो ख्वाहिशों का है…
ईश्क की गहराईयों मे
ईश्क की गहराईयों मे मौजूद क्या है…
बस मैं हूँ,तुम हों,और कुछ की जरूरत क्या है…