आज फिर वो मुझ पर एक कर्ज चढ़ा गया..
वो गरीब कुछ न मिलने, पर भी दुआ दे गया ….
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
आज फिर वो मुझ पर एक कर्ज चढ़ा गया..
वो गरीब कुछ न मिलने, पर भी दुआ दे गया ….
अच्छा दहेज न दे सका मैँ, बस इसीलिए ;
.
.
दुनिया के जितने ऐब थे,
मेरी बेटी मे आ गए….!!
#लाचारपिता
बात छोटी है पर विचारणीय है…
जिस धागे की गांठ खुल सकती हो,
उस पर कैची मत चलाओ…!
आंखों के सौ-सौ सपने हैं, सपनों की सौ बातें ।
इन सपनों में तेरे आने की ही सौ सौगातें ।।
देखकर किसी का दर्द जो आह. . निकल जाती हैँ……
बस इतनी सी बात आदमी को इन्सान बनाती हैँ
बेटियों का बाप भी कितना मजबूर होता है,
शहर के आवारा गिद्धों का कुछ बिगाड नही सकता….
उसे अपने परियों के पंख ही कुतरने पड़ते है…!!!
जिंदगी में कुछ भी मुफ्त में नहीं मिलता,
बचपन खोया तब जाकर जवानी मिली…!!!
एक बार आना है तेरे शहर में जिन्दगी,
देखूँ तो सही,
बेवफाओं का शहर होता कैसा है…!!!
वाह रे दोगले समाज क्या तेरी सोच हैं…
पैसे वाले की बेटी..
रात के आठ बजे कही जाए..
तो “चलन” है…!
गरीब की बेटी…
अगर उसी वक्त पर डयूटी से आए..
तो “बदचलन” है..!!
दुनियाँ की हर चीज ठोकर लगने से टूट जाया करती है दोस्तो…
एक ” कामयाबी ही है जो ठोकर खा के ही मिलती है …!!