सवा तुम लिख दो,सवा हम लिख दें…..
चलो आज इश्क के ढाई अक्षर मुकम्मल लिख दें !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
सवा तुम लिख दो,सवा हम लिख दें…..
चलो आज इश्क के ढाई अक्षर मुकम्मल लिख दें !!
गहरा है मेरे ख़यालात का पानी…
ज़रा सम्हल कर उतरना… वापसी न हो सकेगी…
अभी मुठ्ठी नहीं खोली है मैंने आसमां सुन ले..
तेरा बस वक़्त आया है मेरा तो दौर आएगा…!!
ये ज़रूरी है कि आँखों का भरम क़ाएम रहे
नींद रखो या न रखो ख़्वाब मे यारी रखो |
सुलग रहे है कब से मेरे, दिल में ये अरमान,
रोक ले अपनी बाहों में तू, आज मेरे तूफ़ान |
हाथ बेशक छूट गया,
लेकिन
वजूद उसकी उंगलियो में ही रह गया..
ये शाम कबसे बेकरार है
ढलने को.
तू इक दफे आँचल में अपने
मुझे संभालने की ख्वाहिश तो कर|
जीना है सब के साथ कि इंसान मैं भी हूँ,
चेहरे बदल बदल के परेशान मैं भी हूँ !!
कैसे लिखोगे मोहब्बत की किताब
तुम तो करने लगे पल पल का हिसाब|
लफ्ज़ पहचान बने मेरी तो बेहतर है..!!
चेहरे का क्या है, साथ ही चला जाएगा एक दिन…!!