आप ने नजर से

आप ने नजर से नजर जब मिला दी,
हमारी जिंदगी झूम कर मुस्कुरा दी,
जुबां से तो हम कुछ भी ना कह सके,
पर निगाहों ने दिल की कहानी सुना दी।

जिसकी तलाश है

जिसकी तलाश है उसको पता भी नहीं,
हमारी चाहत को उसने समझा ही नहीं,
हम पूछते रहे क्या उसे प्यार है,
उसने कहा हमें पता ही नहीं।

अतीत अपने आप को

अतीत अपने आप को क्यों दोहराता है
मिल कर कोई फिर क्यों खो जाता है
जिंदगी भर साथ रहने का वादा क्यों किया
जब तुम्हें सिर्फ बिछड़ना ही आता है|

रूबरू होने की

रूबरू होने की तो छोड़िये,
लोग गुफ़्तगू से भी क़तराने लगे हैं……ग़ुरूर ओढ़े हैं ,रिश्ते..अपनी हैसियत पर इतराने लगे हैं|