सिसकियों कि भी

सिसकियों कि भी अपनी दास्तां हैं,
न गए हुए को वापिस पाती हैं,
न जो रह गए अपने उनको चैन से जीने देती है।

हम रखते है

हम रखते है ताल्लुक तो निभाते है जिंदगी भर,
हम से बदले नहीं जाते रिश्ते, लिबासो की तरह|

बड़ी अजीब है

बड़ी अजीब है तू ज़िन्दगी
गरीबो को उन महलो के सपने दिखाती है जिनमे
अमीरों को नींद नहीं आती

इबादतों की तरह

इबादतों की तरह ये मैं काम करता हूं…
मेरा उसूल है पहले सलाम करता हूं…
मुखालफत से मेरी शख्सियत संवरती है…
मैं दुश्मनों का बड़ा ऐहतराम करता हूं…